Agency:News18 Bihar
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हाइलाइट्स
पटना. राजधानी का मोइनुल हक स्टेडियम जल्द ही वर्ल्ड क्लास स्टेडियम के रूप दिखाई देने वाला है. इसका पुनर्निर्माण इस तरह से किया जायेगा ताकि यहां वर्ल्ड कप, चैंपियन ट्रॉफी, आईपीएल सहित सभी इंटरनेशनल मुकाबलों का आयोजन किया जाए. इसके लिए बीसीए की ओर कवायद जारी है. लगातार बैठकों का दौर जारी है.
बिहार सरकार के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर होने के बाद BCA इस क्रिकेट स्टेडियम को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करने की योजना पर कार्यरत है, ताकि यह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मैचों की मेजबानी के लिए तैयार हो सके.
40 से 50 हजार दर्शकों की होगी क्षमता
बीसीए के अध्यक्ष राकेश तिवारी ने बताया कि स्टेडियम के पुनर्निर्माण के लिए आवश्यक सभी बदलाव किए जाएंगे. हालांकि मौजूदा ढांचे में बदलाव सीमित रह सकते हैं, क्योंकि इसे पहले ही अंतिम रूप दे दिया गया है. इस परियोजना के अंतर्गत विभिन्न दीर्घाओं और स्टैंडों के लिए सुगम प्रवेश और निकास के साथ 40-50 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी. घरेलू और विजिटिंग टीमों के लिए आधुनिक ड्रेसिंग रूम, अत्याधुनिक पवेलियन, कॉर्पोरेट बॉक्स, वीआईपी लाउंज, प्रेस बॉक्स, मैच अधिकारियों के लिए विशेष सुविधाएं, आईसीसी और बीसीसीआई के मानकों के अनुरूप स्टेडियम का विकास किया जायेगा.
सम्पूर्ण खेल परिसर के रूप में होगा तैयार
इस स्टेडियम को एक संपूर्ण खेल परिसर के रूप में तैयार किया जाएगा, जहां खिलाड़ियों और दर्शकों के लिए सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. इसमें खिलाड़ियों के लिए पांच सितारा होटल और हॉस्टल, स्विमिंग पूल, इंडोर क्रिकेट सुविधा, टेनिस, बैडमिंटन और वॉलीबॉल कोर्ट, आधुनिक जिम, स्पा, फिजियो रूम और वीडियो विश्लेषण केंद्र, रेस्टोरेंट, क्लब हाउस, कॉन्फ्रेंस हॉल और सेमिनार रूम के साथ शुद्ध पेयजल और उच्च स्तरीय शौचालय सुविधाएं उपलब्ध होगी. बीसीए के अध्यक्ष राकेश तिवारी ने बताया कि इस परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं. इस स्टेडियम को भारत के प्रमुख क्रिकेट स्टेडियमों में शामिल करने का लक्ष्य है.
400 से 500 करोड़ निर्माण में होंगे खर्च
बिहार सरकार द्वारा बीसीसीआई को 30 साल की लीज पर स्टेडियम परिसर दिए जाने के बाद विशेषज्ञों की टीम ने इसका जायजा लिया. स्टेडियम के पुनर्निर्माण की सारी प्रक्रिया जल्द पूरी कर तीन साल में मोइनुल हक स्टेडियम का काम पूरा करने का लक्ष्य है. निर्माण की अनुमानित लागत 400 करोड़ से 500 करोड़ रुपए है, जबकि परिसर के सालाना रख-रखाव पर प्रति वर्ष 15 करोड़ से 20 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे.
लंबा है इस स्टेडियम का इतिहास
1969 में मोइनुल हक स्टेडियम का निर्माण किया गया था. 17 से 19 नवंबर 1976 को यहां भारत और वेस्टइंडीज की महिला टीमों के बीच तीन दिवसीय टेस्ट खेला गया. यहां महिलाओं का पहला एक दिवसीय मैच 5 जनवरी 1978 को भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया. 22 दिसंबर 1997 को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच आखिरी महिला वनडे मैच यहां हुआ था. 15 नवंबर 1993 को जिंबाब्वे और श्रीलंका के बीच यहां पहला पुरुष वनडे हीरो कप अंतरराष्ट्रीय मैच हुआ.
1996 में जिंबाब्वे और केन्या के बीच विश्व कप के मुकाबले यहां दो दिन में खेले गए. 1996 में ही यहां एशियन स्कूली फुटबाल चैंपियनशिप का आयोजन हुआ था. फिलहाल, बीसीए के प्रयास से ग्राउंड बेहतर हो गया है. मैदान की तारीफ कई खिलाड़ियों ने भी की है. लेकिन, गैलरी और बिल्डिंग की स्थिति बेहद जर्जर है. फिलहाल रणजी सहित कई घरेलू मुक़ाबले का आयोजन यहां किया जाता है.
February 11, 2025, 12:59 IST
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