
भारत ने 2007 के बाद से इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज नहीं जीती है. युवा कप्तान शुभमन गिल के नेतृत्व में टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है. रोहित और कोहली के संन्यास के बाद गिल पर बड़ी जिम्मेदारी है.
भारत ने 2007 के बाद से इंग्लैंड में कोई टेस्ट सीरीज नहीं जीती है. इस बार यह जिम्मेदारी एक ऐसी टीम पर है जो बदलाव के दौर से गुजर रही है, जिसमें कुछ सबसे अनुभवी खिलाड़ियों के संन्यास के बाद नई शुरुआत हो रही है. टीम इंडिया के पास एक युवा कप्तान है जिसने यूके में सिर्फ एक टेस्ट खेला है. हमने उन पांच भारतीय खिलाड़ियों का विश्लेषण किया है जो इस सीरीज में सबसे बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं.

रोहित शर्मा और विराट कोहली ने टेस्ट से संन्यास ले लिया है और किसी तरह, शुभमन गिल को एक साथ दो बड़े खिलाड़ियों की जगह भरनी है. 25 साल के गिल देश के पांचवें सबसे युवा कप्तान हैं. जिन्होंने अपने छोटे करियर में कई उच्च दबाव वाले खेल खेले है.पिछले दो सीरीज में उनका औसत क्रमशः 36 और 18.60 रहा है. नई जिम्मेदारियों के साथ वह इसे कैसे बदलते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा.

इस बार हम जानते हैं कि जसप्रीत बुमराह का प्रभाव सीमित होगा. टीम में वह एक सीनियर खिलाड़ी के रुप में शामिल हैं और उनसे सबसे ज्यादा उम्मीदें होंगी. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में पीठ की समस्या उठाई थी, और कप्तान, कोच और मुख्य चयनकर्ता ने पुष्टि की है कि वह सभी पांच टेस्ट नहीं खेल पाएंगे. देखना होगा कि उनकी गेंदबाजी साझेदारी मोहम्मद सिराज के साथ-साथ प्रसिध कृष्णा, आकाश दीप और अर्शदीप सिंह के साथ कैसे काम करती है.

करुण नायर की यात्रा में बहुत कुछ प्रशंसा करने लायक है. 2018 में इंग्लैंड में ही उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था, बिना किसी टेस्ट खेले. उन्होंने अपने करियर के सबसे निचले स्तरों का सामना किया, उन्हें संन्यास लेने की सलाह दी गई. इंग्लैंड लायंस के खिलाफ भारत ‘ए’ के लिए उनका दोहरा शतक उन्हें मध्यक्रम में जगह दिलाना चाहिए, हालांकि यह देखना बाकी है कि वह कहां बल्लेबाजी करेंगे.

ऋषभ पंत भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम रीड की हड्डी की तरह हैं. पिछले कुछ समय में टेस्ट में उनका प्रदर्शन कमाल का रहा है. भारतीय टीम में वास्तव में अपने दम पर ट्रॉफी जीतने का अनुभव रखने वाले कई अन्य बल्लेबाज नहीं हैं. अगर भारत को अपने आक्रामकता के साथ बैबॉल का जवाब देना है, तो पंत का चलना बहुत जरूरी होगा.

कुलदीप यादव पर स्पिन खेमे की जिम्मेदारी होगी. रविचंद्रन अश्विन की कमी को कुलदीप यादव को ही भरना होगा. उतना ही मुश्किल होगा. कुलदीप यादव दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में से एक, कुलदीप को टेस्ट में उनकी अनफ्लैटरिंग बल्लेबाजी क्षमता और शानदार स्पिन के कारण टीम में रखा गया है. कुलदीप की मिस्ट्री इंग्लैंड के फ्रंट-फुटेड बाज़बॉल का मुकाबला करने में लंबा रास्ता तय कर सकती है.
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