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14 जनवरी 1896 के दिन इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच मैच में एक ऐसा रिकॉर्ड बना जिसको दक्षिण अफ्रीका भूलना चहेगा. पोर्ट एलिजाबेथ के मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ मेजबान टीम 30 रन पर आलआउट हो गई थी. इस मैच में जॉ…और पढ़ें

14 फरवरी 1896 को जब दक्षिण अफ्रीका हुई थी 30 रन पर ऑल आउट
हाइलाइट्स
- जॉर्ज लोहमैन ने 9.4 ओवर में 7 रन देकर 8 विकेट लिए.
- दक्षिण अफ्रीका 30 रन पर ऑलआउट हो गई.
- इंग्लैंड ने 288 रनों से जीत दर्ज की.
नई दिल्ली. सौ साल से भी ज्यादा पुराने क्रिकेट इतिहास के पन्ने पलटेंगे तो कई ऐसे मैच आपके सामने आएंगे जिसको पढ़कर आप दांतो तले उंगली दबा लेंगे. खास तौर पर पुराने टेस्ट मैचों को खंगालेंगे तो आप पाएंगे कि क्रिकेट के मैदान पर कुछ ऐसे अजूबे भी हुए है जिनके बारें में लोग कम जानते है. एक ऐसा ही मैच इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच 1896 में खेला गया जो दो वजहों से इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया.
तारीख 14 फरवरी यानि वेंलनटाइन डे यानि प्यार का इजहार करने वाले दिन पर मैदान पर हुई दो टीमों के बीच तकरार. इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका की टीम पोर्ट एलिजाबेथ के मैदान पर आमने सामने थी. इस मैच को दक्षिण अफ्रीका दो दिन में हार गया क्योंकि इंग्लैंड के पास एक ऐसा गेंदबाज था जिसका कोई जवाब मेजबान टीम के पास नहीं था.
जॉर्ज लोहमैन की जादुई गेंदबाजी
कुछ दिन खास होते है और कुछ इतिहास बनाते है . क्रिकेट इतिहास में 14 फरवरी का दिन साउथ अफ्रीका शायद ही याद करना चाहेगा. इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जॉर्ज लोहमैन ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहली पारी में 38 रन देकर 7 विकेट झटके तो वहीं, दूसरी पारी में भी कमाल दिखाया और 9.4 ओवर में मात्र 7 रन देकर 8 विकेट अपने नाम किए. इसी दिन साल 1896 में साउथ अफ्रीकी टीम को इंग्लैंड ने सीरीज के पहले टेस्ट मैच में मात्र 30 रन पर समेट दिया था और उसके नाम शर्मनाक रेकॉर्ड दर्ज हो गया.पोर्ट एलिजाबेथ में खेले गए मुकाबले में इंग्लैंड ने 288 रनों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी. इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी में 185 रन बनाए थे, जिसके बाद साउथ अफ्रीकी टीम को मात्र 93 रन पर समेट दिया.इसके बाद इंग्लैंड ने दूसरी पारी में 226 रन बनाए और साउथ अफ्रीका को 319 रन का टारगेट दिया.लक्ष्य का पीछा करते हुए साउथ अफ्रीकी टीम मात्र 18.4 ओवर ही खेल सकी और 30 रन पर उसकी दूसरी पारी ढेर हो गई. यह मुकाबला केवल 2 दिन में ही समाप्त हो गया. क्रिकेट इतिहास में यह किसी टेस्ट मैच में दूसरा सबसे कम स्कोर है। साल 1955 को ऑकलैंड में खेले गए टेस्ट मैच में इंग्लैंड के खिलाफ खेलते हुए न्यूजीलैंड टीम सिर्फ 26 रन पर ऑलाआउट हो गई थी।
लोहमैन का लाजवाब रिकॉर्ड
जार्ज लोहमैन के नाम पर एक ऐसा रिकॉर्ड है जो 129 साल से कोई तोड़ नहीं पाया है. सबसे तेज 100 टेस्ट विकेट लेने का रिकॉर्ड इंग्लैंड के पूर्व गेंदबाज जॉर्ज लोहमैन के नाम है, जिन्होंने अपने करियर में केवल 18 ही टेस्ट मैचों में हिस्सा लिया. 1896 में रिटायरमेंट से कुछ समय पहले इस गेंदबाज ने जादुई रिकॉर्ड बनाते हुए 100 टेस्ट विकेट के आंकड़े को छुआ. उन्होंने यह कारनामा 1896 में खेले अपने 16वें टेस्ट मैच में किया और दुनिया के सबसे तेज 100 विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए. 129 साल बीत गए हैं लेकिन लोहमैन का यह रिकॉर्ड आज तक कोई ध्वस्त नहीं कर पाया है. लोहमैन का ये रिकॉर्ड बताता है कि वो किस तरह के खतरनाक गेंदबाज थे.
New Delhi,Delhi
February 13, 2025, 18:55 IST
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